माँ , एक सपना सी हो गयी हो तुम तो! तुम हो आंसू की बूँद, जो अंखियों मे ही बस के रह गयी, अब तो एक अरसा हो गया, कुछ अपनी कहे कुछ तुम्हारी सुने, पर आज भी माँ , तेरी व्ह खिलखिलाती हंसी आँखों मैं है मेरे बसी, बस दिखती ही नहीं हो, यूँ…
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